कैंसर क्या होता है
बरेली में स्थित रोहिलखंड कैंसर इंस्टिट्यूट (RCI) एक समर्पित कैंसर उपचार केंद्र है, जहाँ रोगियों को आधुनिक उपकरणों, विशेषज्ञ चिकित्सकों और व्यक्तिगत देखभाल के साथ इलाज मुहैया कराया जाता है।
1. कैंसर क्या है?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जहाँ शरीर की सामान्य कोशिकाएँ (cells) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, और कभी-कभी यह आसपास के ऊतकों (tissues) या अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं।
मुख्य बातें:
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सामान्य कोशिकाएं – निर्धारित समय पर बढ़ती हैं, विभाजित होती हैं और मर जाती हैं।
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लेकिन जब कोई कोशिका जीन (genes) या नियंत्रण तंत्र में विकार के कारण नियंत्रण खो देती है, तो वह अनियत गति से बढ़ सकती है और ट्यूमर (tumour) बना सकती है या खून-पर्याय (blood) या लिम्फ (lymph) मार्ग से दूसरे हिस्सों में फैल सकती है।
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कैंसर की कई प्रकारें होती हैं – जैसे कि ठोस (solid) ट्यूमर वाले कैंसर (ब्रेस्ट, लंग, कोलन आदि) या रक्त/लिम्फ सिस्टम से जुड़े कैंसर (जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा)।
सरल भाषा में समझें:
कल्पना कीजिए कि शरीर में एक फैक्ट्री है जहाँ काम सही समय पर होता है — किसी नियम के तहत मशीनें चलती हैं, काम बढ़ता है, काम खत्म होता है और मशीन बंद हो जाती है। लेकिन अगर कोई मशीन अचानक नियंत्रण खो दे और अनवरत काम करना शुरू कर दे बिना बंद हुए — तो उस फैक्ट्री में गड़बड़ी होगी — ठीक वैसे ही, जब कोशिकाएँ बिना नियंत्रण के बढ़ने लगें, तब कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
2. किन कारणों से होता है कैंसर?
कैंसर के कारण एक-दोहरे नहीं बल्कि कई-मुखी हो सकते हैं। कुछ सामान्य जोखिम (risk) कारक निम्नलिखित हैं:
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तंबाकू सेवन, धूम्रपान — यह लंग, मुंह, गले आदि के कैंसर का प्रमुख कारण है।
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खराब जीवनशैली — जैसे अधिक फैट-शुगर वाला आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी।
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पर्यावरणीय कारक — जैसे विकिरण, रसायन, प्रदूषण।
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आनुवंशिक (genetic) परिवर्तन — कुछ मामले में गड़बड़ी जीन में होती है जो कोशिका विभाजन को नियंत्रित करती है।
ध्यान देने योग्य बातें:
– यह जरूरी नहीं कि ये कारण अकेले कैंसर का कारण बनें, लेकिन ये जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
– समय पर जाँचना (स्क्रीनिंग) और जागरूकता बहुत सहायक है।
3. कैंसर के लक्षण और संकेत
कैंसर के लक्षण प्रकार-परकार, स्थान और स्टेज (stage) के अनुसार विविध होते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए:
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ऐसी गाँठ या सूजन जो बढ़ रही हो।
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बिना वजह वजन कम होना।
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लगातार थकान महसूस होना।
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किसी अंग-विशिष्ट बदलाव के कारण लक्षण — जैसे खाँसी जो ठीक नहीं हो रही या पेट में लंबे समय से दर्द।
महत्वपूर्ण: यह याद रखें कि इन सभी लक्षणों का मतलब कैंसर होना जरूरी नहीं है, लेकिन अगर लक्षण दो हफ्ते से अधिक रहे हों या बढ़ते हों, तो चिकित्सक से सलाह लेना उत्तम होगा।
4. Rohilkhand Cancer Institute में कैंसर उपचार कैसे होता है?
RCI में कैंसर के निदान (diagnosis) से लेकर उपचार (treatment) और पश्चात देखभाल (after-care) तक की सुविधा मौजूद है। उदाहरण के लिए उनकी मेडिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट में बताया गया है कि कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी आदि उपलब्ध हैं।
प्रमुख बिंदु:
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निदान एवं स्क्रीनिंग: जितनी जल्दी कैंसर पकड़ा जाए, उतना बेहतर परिणाम संभव है। RCI ने ‘कैंसर की पहचान में PET-स्कैन की भूमिका’ विषय पर ब्लॉग प्रकाशित किया है।
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उपचार विकल्प:
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सर्जरी (अगर स्थिति अनुमति देती हो)
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रेडिएशन थेरेपी (उच्च-ऊर्जा किरणों द्वारा)
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कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी
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पल्लिएटिव एवं समर्थन देखभाल (दर्द प्रबंधन, पोषण, मनो-सामाजिक मदद)
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रोगी-केन्द्रित मॉडल: RCI में बताया गया है कि प्रत्येक रोगी को व्यक्तिगत योजना मिलती है, जिसमें रोगी की स्वास्थ्य स्थिति, कैंसर का प्रकार-स्टेज आदि को ध्यान में रखा जाता है।
क्यों चुनें RCI?
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बरेली में स्थानीय-स्तर पर उन्नत कैंसर देखभाल उपलब्ध है, जिससे दूर-दराज से आने की जरूरत कम होती है।
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आधुनिक उपकरण व विशेषज्ञ टीम मौजूद है।
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रोगी और परिवार दोनों के लिए सहायक माहौल और जानकारी दी जाती है।
5. आप क्या कर सकते हैं?
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नियमित रूप से स्वास्थ्य जाँच करवाएं, विशेषकर यदि आपके परिवार में कैंसर का इतिहास हो।
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तम्बाकू एवं शराब से बचें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें।
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यदि किसी लक्षण ने लंबे समय तक बनी हुई हो या बढ़ रही हो, तो देर न करें — चिकित्सक से मिलें।
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यदि आपने RCI में या अन्य अस्पताल में जांच-उपचार करवाना हो, तो समय पर संपर्क करें। (RCI का संपर्क विवरण उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है)
निष्कर्ष
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे अभी भी डर का कारण माना जाता है, लेकिन सही समय पर निगरानी, आधुनिक निदान और समुचित इलाज के साथ सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है।
Rohilkhand Cancer Institute जैसे केंद्र इस दिशा में बहुमूल्य भूमिका निभा रहे हैं — विशेष रूप से उत्तरी भारत में। आत्म-देखभाल, जागरूकता और विश्वास के साथ कदम उठाना सबसे पहला और महत्वपूर्ण चरण है।